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औरंगजेब की मृत्यु: क्या उसे किसी ने मारा था?

औरंगजेब, जिसे इतिहास में मुगल साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली लेकिन विवादित शासकों में से एक माना जाता है, 1658 से 1707 तक शासन करता रहा। लेकिन उसकी मृत्यु कैसे हुई? क्या उसे किसी ने मारा था, या वह प्राकृतिक कारणों से मरा? इस विषय पर बहुत सारी धारणाएँ और ऐतिहासिक तथ्य मौजूद हैं, जिनका विश्लेषण इस ब्लॉग में करेंगे।
औरंगजेब की मृत्यु: क्या उसे किसी ने मारा था?
औरंगजेब के अंतिम दिनों 

औरंगजेब कौन था?

औरंगजेब आलमगीर (1618-1707) मुगल साम्राज्य का छठा शासक था। वह शाहजहाँ और मुमताज़ महल का बेटा था और अपने पिता को बंदी बनाकर खुद सत्ता पर काबिज हुआ था। उसने अपने शासनकाल में कई युद्ध लड़े और मुगल साम्राज्य को उसके चरम पर पहुँचाया, लेकिन उसकी धार्मिक नीतियों और अत्यधिक विस्तारवाद के कारण साम्राज्य की नींव भी कमजोर हो गई।


क्या औरंगजेब की हत्या हुई थी?

बहुत से लोग यह मानते हैं कि औरंगजेब की हत्या कर दी गई थी, लेकिन ऐतिहासिक तथ्य इस धारणा का समर्थन नहीं करते।

1. ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार मृत्यु

ज़्यादातर प्रामाणिक ऐतिहासिक स्रोत बताते हैं कि औरंगजेब की मृत्यु 3 मार्च 1707 को अहमदनगर (वर्तमान महाराष्ट्र) में हुई थी। वह उस समय बहुत बूढ़ा हो चुका था और लंबे समय से बीमार था। उसकी मृत्यु को प्राकृतिक कारणों से हुई मानना अधिक तर्कसंगत लगता है।

2. औरंगजेब के अंतिम दिन

औरंगजेब अपने जीवन के अंतिम वर्षों में दक्षिण भारत में मराठाओं के खिलाफ अभियान चला रहा था। शिवाजी की मृत्यु (1680) के बाद, उनके बेटे संभाजी ने मुगलों के खिलाफ संघर्ष जारी रखा। 1689 में संभाजी को पकड़कर औरंगजेब ने उन्हें बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। लेकिन इसके बाद भी मराठा सेना ने हार नहीं मानी और उनका प्रतिरोध जारी रहा।

1698 के बाद, औरंगजेब ने बीजापुर और गोलकुंडा को जीत लिया, लेकिन मराठा संघर्ष और गुरिल्ला युद्ध ने उसे कमजोर बना दिया। युद्ध और बढ़ती उम्र के कारण वह बीमार पड़ गया। उसके अपने ही दरबारी और बेटे आपस में सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे थे, जिससे वह और भी मानसिक तनाव में था।


औरंगजेब की मृत्यु के बारे में प्रमुख धारणाएँ

1. मराठाओं द्वारा हत्या की साजिश

कुछ कथाएँ कहती हैं कि मराठाओं ने किसी न किसी रूप में औरंगजेब को मारने की योजना बनाई थी। हालांकि, इस बात के कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं कि उसकी हत्या हुई थी।

मराठा इतिहासकारों के अनुसार, मराठाओं ने उसे कमजोर करने के लिए गुरिल्ला युद्ध का सहारा लिया और उसकी सेना को थका दिया, जिससे वह अंततः मौत के करीब पहुँच गया।

2. अंदरूनी षड्यंत्र

औरंगजेब की मृत्यु के समय उसके बेटे आज़म शाह, मुअज्ज़म (बाद में बहादुर शाह प्रथम), और काम बख्श आपस में सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे थे। कुछ लोग मानते हैं कि औरंगजेब को जहर दिया गया था, लेकिन इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं।

3. उम्र और बीमारियों से मृत्यु

ज़्यादातर इतिहासकार इस बात से सहमत हैं कि औरंगजेब की मृत्यु लंबी बीमारी के कारण हुई थी। वह 88 वर्ष का हो चुका था, जो उस दौर के हिसाब से बहुत अधिक उम्र थी। दक्षिण भारत के कठोर वातावरण, लगातार युद्धों और तनाव ने उसकी सेहत पर असर डाला।


औरंगजेब की मृत्यु के बाद क्या हुआ?

औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुगल साम्राज्य में उत्तराधिकार का संघर्ष शुरू हो गया। उसके बेटे मुअज्ज़म और आज़म शाह के बीच जंग हुई, जिसमें मुअज्ज़म की जीत हुई और वह बहादुर शाह प्रथम (1707-1712) बना। हालांकि, मुगल साम्राज्य अब कमजोर होने लगा और मराठा शक्ति बढ़ने लगी।


निष्कर्ष

औरंगजेब की हत्या नहीं हुई थी, बल्कि उसकी मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई थी। हालांकि, उसके शासनकाल की नीतियों और लगातार युद्धों के कारण उसकी स्थिति कमजोर हो गई थी। मराठाओं और अन्य शक्तियों ने उसके खिलाफ कड़ा प्रतिरोध किया, जिससे उसका साम्राज्य कमजोर हुआ और उसकी मौत के बाद मुगलों का पतन शुरू हो गया।

तो, यह कहना सही होगा कि औरंगजेब को किसी ने मारा नहीं, बल्कि उसकी नीतियाँ, युद्ध और बढ़ती उम्र ने उसे मौत के करीब ला दिया।

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