Compound Interest (चक्रवृद्धि ब्याज) Phase -1, Type -1
चक्रवृद्धि ब्याज वह ब्याज है जो मूलधन (Principal) के साथ-साथ पूर्व में अर्जित ब्याज पर भी लगाया जाता है। इसे एक विशेष समय के बाद मूलधन में जोड़ दिया जाता है, जिससे अगले अवधि के लिए ब्याज की गणना अधिक राशि पर की जाती है। उसे चक्रवृद्धि ब्याज कहते हैं।
A = कुल राशि (Amount)
P = मूलधन (Principal)
R = ब्याज दर (Rate of Interest)
T = समय (Time in years)
चक्रवृद्धि ब्याज:
CI=A−P
अर्थात, कुल राशि से मूलधन घटाने पर चक्रवृद्धि ब्याज प्राप्त होता है।
विशेषता:
चक्रवृद्धि ब्याज समय के साथ बढ़ता रहता है।
यह साधारण ब्याज की तुलना में अधिक होता है।
Phase -1
Type -1
Q.1. 2000 रूपये का 5% वार्षिक व्याज की दर से 2 वर्ष का चक्रवृद्धि ब्याज क्या होगा?
Q.2. 2000 रूपये का 10% वार्षिक व्याज की दर से 3 वर्ष का चक्रवृद्धि ब्याज क्या होगा?
Q.3. 10000 रूपये की एक धनराशि 10% वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज की दर से 3×1/2 वर्षों के लिए उधार दी जाती है, तो। मिश्रधन ज्ञात करें।
Q.4. 160000 रूपये की एक राशि 5% वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज की दर से 2×4/5 वर्षों के लिए उधार दिया गया। समय समाप्ति पर मिश्रधन ज्ञात करें।
Q.5. 4000 रूपये की एक धनराशि 3 वर्षों के लिए चक्रवृद्धि ब्याज पर दिया गया। यदि पहले, दूसरे तथा तीसरे वर्षों के लिए ब्याज की दर क्रमशः 10% 5% तथा 20% हो, तो समय समाप्ति पर मिश्रधन ज्ञात करें।
Q.6. 50000 रूपये की एक धनराशि 3 वर्षों के लिए चक्रवृद्धि ब्याज पर दिया गया। यदि पहले, दूसरे तथा तीसरे वर्षों के लिए ब्याज की दर क्रमशः 2% 5% तथा 10% हो, तो समय समाप्ति पर मिश्रधन ज्ञात करें।
Q.7. 25000 रूपये की एक धनराशि चक्रवृद्धि ब्याज पर उधार दी जाती है। यदि चक्रवृद्धि ब्याज की दर प्रथम वर्ष के लिए 5% दूसरे तथा तीसरे वर्ष के लिए 10% तथा चौथे वर्ष के लिए 4% हो, तो चार वर्ष के अन्त में ब्याज ज्ञात करें।
Q.8. 5000 रू0 का 4% वार्षिक दर से 6 महीने का ब्याज क्या होगा यदि ब्याज प्रति त्रैमासिक संयोजित होता है?
Q.9. 8000 रू0 का 16% वार्षिक दर से 6 महीने का ब्याज क्या होगा यदि ब्याज प्रति त्रैमासिक संयोजित होता है?











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